चीन और वियतनाम जैसे एशियाई देशों में पैंगोलिन को सिर्फ मांस के लिए नहीं मारा जाता। यहां इस जानवर की मांग दवाइयों के लिए भी खूब है। हालांकि, चीन ने कुछ दिनों पहले अपनी परंपरागत चिकित्सा की लिस्ट से पैंगोलिन का नाम हटा दिया था। वियनाम की सरकार भी अब पैंगोलिन की खरीद-बिक्री करने वालों पर सख्ती बरत रही है। उम्मीद है कि शायद अब इस जीव के शिकार में कुछ कमी आए। हालांकि, अभी तक इस जानवर पर संकट कम होता नहीं दिख रहा है। ब्लैक मार्केट में इसकी खरीदारी धड़ल्ले से चालू है।
चींटिया खाने वाले इस स्तनपायी जीव की पूरी दुनिया में सबसे अधिक तस्करी होती है और यही वजह है कि इस जीव की सभी आठ प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। पैंगोलिन का शरीर स्कैल्स से ढका रहता है, जिनका इस्तेमाल पारंपरिक चीनी चिकित्सा में बहुत होता है। पैंगोलिन के मांस को मुलायम मांस खाने वाले काफी पसंद करते हैं। बीते कुछ महीनों में कोरोना के चलते यह जानवर काफी चर्चा में रहा था। कहा गया कि कोरोनावायरस इसी जानवर से इंसानों में फैला। हालांकि, यह बात अभी साबित नहीं हुई है।
जानिए पैंगोलिन को
पैंगोलिन स्तनपायी है। यह रात के समय ज्यादातर निकलता और अकेला रहता है। यह पेड़ पर भी चढ़ सकता है और अच्छा तैराक होता है। चीटी और दीमक इसका खाना हैं। दिन में यह खुद के बनाए गए बिल में ही रहता है। दुनिया में इनकी कुल आबादी का पता नहीं चल पाया है। हालांकि, इनकी आबादी बहुत तेजी से घट रही है। यह सामने आया है।
खाल की वजह से होता है शिकार
इसकी खाल केराटिन से बनी होती है। यह एक ऐसा प्रोटीन है जो हमारे शरीर में भी मौजूद रहता है। हमारे बाल और नाखून इसी प्रोटीन से बने होते हैं। आजकल बालों को चमकदार बनाने के लिए केराटिन ट्रीटमेंट भी चलन में हैं। कई लोग मानते हैं कि पैंगोलिन की खाल से बहुत से रोगों का इलाज हो जाता है। इसी वजह से इसका शिकार करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक पिछले एक दशक में करीब 10 लाख पैंगोलिन का शिकार किया गया है।
आठ प्रजातियां मौजूद हैं
1. चीनी
2. मलायन
3. इंडियन
4. फिलिपीन
5. अफ्रीकन व्हाइट-बेली
6. जॉयंट ग्राउंड
7. टेमिनिक ग्राउंड
8. लॉन्ग टेल