कोरोना महामारी से अब तक 10 लाख से ज्यादा की जान जा चुकी; जानिए…कितना पुराना है महामारियों का इतिहास, एक समय तो आधी दुनिया ही साफ हो गई थी

अगर आपने मशहूर फिल्म 300 देखी होगी तो स्पार्टा और स्पार्टन ये शब्द जरूर सुने होंगे। दरअसल, ग्रीस में दो राज्य थे- स्पार्टा और एथेंस। इन दोनों के बीच खुद को ज्यादा ताकतवर साबित करने के लिए कई बार लड़ाई हुई। 431 से 405 ईसा पूर्व दोनों के बीच एक एक बड़ा युद्ध हुआ, जिसे कहा गया पेलोपोनेशियन वॉर। इस युद्ध के बाद ग्रीस में स्पार्टन्स का प्रभुत्व कायम हो गया। एथीनियन्स को सरेंडर करना पड़ा। दरअसल, इस युद्ध में एथेंस पर एक और आफत आ पड़ी थी और वह थी दुनिया के अब तक के इतिहास की पहली सबसे बड़ी महामारी। इसे नाम दिया गया था “प्लेग अॉफ एथेंस’। इस महामारी में करीब एक लाख लोगों की मौत हुई।

इतिहास के झरोखे से निकलकर अब वर्तमान में आते हैं। दुनिया में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 10 लाख के आंकड़े को पार कर गई है। यह आंकड़े अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक हैं। आज हम बात महामारी की कर रहे हैं। शुरु से देखें तो दुनिया में अब तक 21 बड़ी महामारी आई हैं। इनमें करोड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। आइये दुनिया की पड़ी महामारियों पर नजर डालते हैं…

इतिहास की सबसे पहली महामारी तो आप शुरू में पढ़ चुके हैं। अब बात दूसरी महामारी एंटोनाइन प्लेग की। यह 165 से 180 ईसवीं के बीच रोमन साम्राज्य में फैली थी। इसे प्लेग ऑफ गैलेन भी कहा जाता है, क्योंकि गैलेन नाम के एक फिजीशियन ने इस महामारी के बारे में बताया था। कहा जाता है कि रोमन साम्राज्य के सैनिक एक मिशन से लौट रहे थे तो वे साथ में यह महामारी भी लेकर आए। इस महामारी में 35 से 70 लाख लोगों की मौत हुई थी।
तीसरी महामारी “जस्टिनियन प्लेग’ 541 से 542 ईसवीं में फैली। यह इतिहास की सबसे बड़ी महामारियों में से एक है। एशिया, अरब, अफ्रीका और यूरोप में फैली इस महामारी से उस समय दुनिया की आधी अाबादी खत्म हो गई थी। अनुमान है कि नाम की इस महामारी से 2.5 करोड़ से लेकर 10 करोड़ लोगों की मौत हुई थी। इस दौरान रोमन साम्राज्य का नाम बाइंजेटाइन साम्राज्य था और इसके शासक थे जस्टिनियन। इसी से इस बीमारी का नाम जस्टिनियन प्लेग पड़ा।

और फिर आई दुनिया की सबसे बड़ी महामारी
1918-19 के बीच दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी महामारी “स्पेनिश फ्लू’ फैली। दुनिया में अभी-अभी पहला विश्व युद्ध (1914-18) समाप्त ही हुआ था कि यह महामारी आ गई। अनुमान के मुताबिक इस महामारी से 5 से 10 करोड़ लोगों की मौत हुई। महामारी से मरने वालों की संख्या युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों और नागरिकों से कहीं ज्यादा थी। इस बीमारी ने कई देशों में कहर बरपाया, लेकिन अधिकतर जगह इसे ढांपने की कोशिश हुई। स्पेन में इस बीमारी पर खुलकर बात हुई।
इस बीमारी ने भारत में अपना कहर बरपाया था। इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक खबर के मुताबिक पहले विश्व युद्ध के समाप्ति का आखिरी दौर था। भारतीय सैनिकों को लेकर एक जहाज 29 मई 1918 को मुंबई के बंदरगाह पर पहुंचा था। यह यहां पर 48 घंटे तक फंसा रहा। इसके बाद 10 जून को बंदरगाह पर तैनात 7 पुलिसवालों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनमें इन्फ्लूएंजा का संक्रमण मिला। इस तरह इस बीमारी ने भारत में दस्तक दी थी।

स्पेनिश फ्लू के समय यूरोप के एक अस्पाल की फोटो। सोर्स- गूगल
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