नैनीताल – उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार के झबरेड़ा निवासी एक महिला की पैतृक संपत्ति पर उसके रिश्तेदारों व अन्य द्वारा कब्जा किये जाने के मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को इस मामले की व्यक्तिगत रूप से जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही झबरेड़ा के थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने व याचिकाकर्ता व उसके पति को सुरक्षा मुहैया कराने के भी निर्देश दिए हैं।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की युगलपीठ में हुई। झबरेड़ा के भक्तों वालिया गांव की निवासी सुनीता की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा गया कि वे तीन बहनें हैं और उसके पिता ने अपनी संपत्ति तीनों बहनों में बांट दी थी किंतु पिता के निधन के बाद उनके रिश्तेदारों ने उनकी संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश की और विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
इस मामले में जब झबरेड़ा थाने में शिकायत की गई तो पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय याचिकाकर्ता के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने हरिद्वार के एसएसपी को निर्देश दिए कि वह पूरे प्रकरण की स्वयं जांच करें और 12 मार्च तक कोर्ट में रिपोर्ट दें। मामले में अगली सुनवाई 15 मार्च को तय है।