हॉलीवुड की फिल्मों से ज्यादा डेयर और सस्पेंस से भरी हैं जासूस और उनकी कहानियां

साल- सात सितंबर 1978। बुल्गारिया के शासक टॉडोर झेवकॉव के यहां आज पार्टी होगी। सुबह से तैयारियां शुरू हैं। मौका भी खास है। आज टॉडोर का जन्मदिन है।
(यह सीन. नं- 1 है। अब चलते हैं दूसरी तरफ यानी सीन. नं- 2)
बुल्गारिया से करीब 2.5 हजार किलोमीटर दूर सेंट्रल लंदन के वाटरलू पुल पर एक 49 साल का जॉर्जी मारकोव नाम का एक अधेड़ काम पर जा रहा है। अचानक उसकी दाईं जांघ पर कुछ चुभता है। बगल से छाता लिए एक आदमी सरपट निकला है और सॉरी बोलते हुए टैक्सी पर बैठकर रफूचक्कर हो गया। जार्जी ने पहले तो इसे नजरअंदाज किया और काम पर गए। अचानक पैर में दर्द हुआ। जिस जगह चुभन हुई थी वहां अब एक लाल दाना भी पड़ गया है। शाम होते-होते उन्हें तेज बुखार आया। आनन-फानन अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन दिन बाद जान चली गई।
इसके बाद जब उनके शरीर की जांच हुई तो पता चला- जिस जांघ पर लाल दाना पड़ा था, उसके अंदर एक छोटा सा छर्रा है। इसमें कई छेद थे। माना गया कि इस छर्रे के अंदर जहर था। छर्रे के छेदों को मोम से ढका गया था, जो शरीर के तापमान पर पिघल गई और छर्रे के अंदर का जहर शरीर में फैल गया। जांच करने वालों ने अनुमान लगाया कि इस जहर का नाम ‘रिसिन’ है। ये रिसिन दरअसल, कैस्टर ऑयल से होता है, जिसे देशी भाषा में अंडी का तेल भी कहते हैं। जांच करने वालों ने अनुमान पक्का करने के लिए एक सुअर को यही इंजेक्शन लगाया। फिर देखा कि सुअर में भी जॉर्जी जैसे लक्षण थे। यानी कि जॉर्जी की हत्या की गई थी।

(अब आप सोच रहे होंगे कि सीन. नं-1 और सीन. नं- 2 का कनेक्शन क्या है। है भाईसाब… बहुत बड़ा है… आगे पढ़ो.. )
दरअसल जॉर्जी मारकोव बुल्गारिया के ही रहने वाले थे। वहां के शासक टॉडोर झेवकॉव (वही जिनका बर्थ डे था) के कट्टर आलोचक थे। साथ में गजब के लेखक, मौज में रहते थे। सरकार की तरफ से दबाव आया तो उनके लिखे नाटकों पर पाबंदी लगने लगी। जॉर्जी ने अपना झोला उठाया और चले आए ब्रिटेन। लेकिन, उनका सत्ता के खिलाफ लिखना जारी रहा। इसके बाद उनके साथ यह घटना हुई। आरोप सीधे बुल्गारिया के शासक टॉडोर झेवकॉव पर लगे। लेकिन, अभी भी इस मामले में कभी आरोप साबित नहीं हो पाए।
अब सवाल उठता है कि यह कहानी हमने क्यों बताई? क्योंकि कुछ ऐसा ही मामला रूस में हुआ। वहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कट्टर आलोचक रहे विपक्षी नेता अलेक्सी नवाल्नी को उड़ते प्लेन में जहर दिया गया। हालांकि, 18 दिन बाद वह कोमा से बाहर आए। उन्हें 20 अगस्त को साइबेरिया से मॉस्को लौट रहे ते। शक है कि इस दौरान प्लेन में ही चाय में जहर दिया गया। हालत बिगड़ने पर प्लेन की ओमस्क में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई। और उन्हें अस्पाल में भर्ती कराया गया। नवाल्नी पुतिन के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई मुहिम के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने 2018 में पुतिन के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए नॉमिनेशन भी फाइल किया था।
इसी तरह की और भी घटनाएं जानिए…
1. खलीद मेशाल- 25 सितंबर 1997
हमास पॉलिटिकल ब्यूरो के सदस्य
जहर- फेंटानिल (अफीम से बना पेनकिलर)
क्या हुआ- जॉर्डन में इजराइल की सीक्रेट सर्विस मोसाद के एजेंट ने उनके कान के पास सुई चुभोई या स्प्रे डाल दिया। घटना के बाद इजराइल ने ही एंटीडोट दिया, जिससे मेशाल की जान बची। इसके पीछे कई कहानियां हैं।
2. विक्टर यशचेंको- सितंबर 2004
यूक्रेन के विपक्षी उम्मीदवार
जहर- डॉयोऑक्सिन (बॉयोलॉजिकल टॉक्सिन एंड इनवायरमेंटल पालुटेंट)
क्या हुआ- राष्ट्रपति चुनावों के दौरान अचानक बीमार पड़े। जांच में पता चला कि खाने में जहर दिया गया है। बाद में उनकी जान बचाई जा सकी। हालांकि, चेहरे पर कई तरह के धब्बे पड़ गए। विक्टर 2005 से लेकर 2010 तक यूक्रेन के राष्ट्रपति भी रहे।
3. अलेक्जेंडर लित्विनेन्को- एक नवंबर 2006
रूस के पूर्व जासूस और पुतिन के विरोधी
जहर- पोलोनियम-210 (रेडियोएक्टिव मैटेरियल)
क्या हुआ- लंदन में रूस के दूसरे एजेंट के साथ चाय पी। तभी जहर दे दिया गया। घर जाते वक्त दर्द होने लगा और तीन हफ्ते बाद अस्पताल में मौत हो गई। रूस ने कभी भी आरोपी को लंदन प्रत्यर्पित नहीं किया।
4. किम जोंग-नाम – 13 फरवरी 2017
नॉर्थ कोरिया के नेता- किम जोंग उन के सौतेले भाई
जहर- वीएक्स (नर्व एजेंट)
क्या हुआ- मलेशिया के क्वालांपुर एयरपोर्ट पर दो महिलाओं ने उन पर हमला कर दिया। हाथों में जहर लगाकर चेहरे पर मल दिया। हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
5. सर्जेई स्क्रिपल- 4 मार्च 2018
रूस के एजेंट रहे, लेकिन बाद में ब्रिटेन से मिल गए
जगर- नोविचोक (नर्व एजेंट)
क्या हुआ- ब्रिटेन के सैलिसबरी में अपने घर के बाहर पार्क में बेटी यूलिया के साथ बेहोश मिले। कई हफ्तों तक अस्पताल में रहने के बाद उसकी जान बचाई जा सकी।