कोरोना वायरस छीन रहा लोगों का रोजगार, 9 महीने में बंद हुए 71 लाख ईपीएफ खाते बंद

कोरोना वायरस ने हमारी शारीरिक सेहत में असर डालने के साथ ही आर्थिक हालात पर भी बहुत गहरी चोट की है। देश में कई लोग बेरोजगार हो गए। एक जानकारी के मुताबिक पिछले 9 महीने में 71 लाख ईपीएफ खाते बंद हुए हैं। यह जानकारी श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने लोकसभा में पूछे एक सवाल के जवाब में दी है।
लोकसभा सदस्य अब्दुल खालेक के सवाल का जवाब देते हुए श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री ने सदन को बताया कि 2020 के अप्रैल से लेकर दिसंबर तक ईपीएफ के 71,01,929 खाते बंद किए गए।
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि 2020 अप्रैल से दिसंबर के दौरान ईपीएफ खातों से 73,498 करोड़ रुपये की निकासी की गई जबकि 2019 की इसी अवधि के दौरान 55,125 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। आलोच्य वित्त वर्ष के आरंभिक नौ महीने के आंकड़ों से जाहिर है कि पिछले साल अक्टूबर महीने में सबसे ज्यादा 11,18,751 खाते बंद किए गए जबकि इससे पहले सितंबर महीने में 11,18,517 खाते बंद किए गए।
जानकार बताते हैं कि कर्मचारियों के पीएफ खाते कई कारणों से बंद होते हैं। मसलन, नौकरियां छूट जाने से बेकारी का शिकार होना, सेवानिवृत्त होना और कभी-कभार नौकरियां बदलने पर भी लोग पीएफ अकाउंट बंद कर देते हैं।
मालूम हो कि कोरोना महामारी के मद्देनजर पिछले साल केंद्र सरकार ने इपीएफ खाते से तीन महीने के वेतन की निकासी की अनुमति दी थी जिसपर सर्विस चार्ज की छूट दी गई थी।
एक अन्य सदस्य राकेश सिंह के सवालों का जवाब देते हुए गंगवार ने कहा कि ईपीएफ में निवेश में पिछले तीन साल से बढ़ोतरी की प्रवृति देखी गई है। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 में ईपीएफ में 1,68,661.07 करोड़ रुपये का निवेश हुआ जबकि इससे पूर्व 2018-19 में 1,41,346.85 करोड़ रुपये और 2017-18 में 1,26,119.92 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।