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पाकिस्तान में शाह-दौला के चूहे; क्या बच्चों के सिर पर लोहे का टोप डालकर माइक्रोसिफैली का मरीज बनाया जाता और फिर उन्हें चूहा बताकर भीख मंगवाई जाती?

समाज में फैले धार्मिक रूढ़िवाद, अशिक्षा और अंधविश्वास की वजह से शोषण का रास्ता खुलता है। यह शोषण कई तरीकों का हो सकता है और कभी-कभी तो यह बहुत भयावह होता है। ऐसा ही शोषण का एक किस्सा पाकिस्तान से है। यहां माइक्रोसिफैली (एक दुर्लभ मनोविकार) से पीड़ित बच्चों को जानवरों का दर्जा दिया जाता है। दरअसल, ऐसे बच्चों का सिर छोटा होता है और जबड़े गोल होते हैं, इसलिए इन बच्चों को चूहा बुलाया जाता है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक गुजरात नाम की जगह है। यहां पर शाह दौला की मजार है। इस मजार पर ऐसे बच्चे भिखारियों के साथ में भीख मांगते मिल जाएंगे। पाकिस्तान के लोग इन बच्चों को इंसान तक नहीं मानते। उनका कहना है कि ये सब शाह दौला के चूहे हैं।

यह नादिया है, किसी को इसके परिवार का नहीं पता। यह जब बहुत छोटी थी तो शाह दौला की मजार पर ही मिली थी और वहीं बड़ी हुई। सोर्स- गूगल

(पूरी कहानी समझते हैं)
मान्यता है कि जिन महिलाओं के बच्चे नहीं होते वे अगर शाह दौला की मजार में आकर मन्नत मांगे तो उनकी कामना पूरी हो जाती है। यहां कई लोग अपने बीमार बच्चों की सेहत की कामना करने भी आते हैं। दरअसल इसके पीछे एक कहानी है, जिसके बाद यह परंपरा शुरू हुई।
कहा जाता है कि एक बार शाह दौला के पास एक बांझ महिला प्रार्थना करने आई कि उसके बच्चे हो जाएं। शाह दौला ने इस पर शर्त रखी कि बच्चे तो हो जाएंगे, लेकिन पहला बच्चा मुझे देना होगा। महिला ने हामी भरी और चली गई। कुछ दिनों बाद उस महिला के बच्चा हुआ। अपने वादे के अनुसार उसने बच्चा शाह दौला को देने से मना कर दिया। उस बच्चे का सिर छोटा था और वह बीमार रहता था। जब महिला को उसका इलाज न सूझा तो उसने गलती मानी और उस बच्चे को शाह दौला को सौंप दिया। इसके बाद उस महिला की आगे आने वाली संतानें स्वस्थ और तंदुरुस्त हुईं। इसके बाद से अब तक यह मान्यता है कि जो भी बांध महिला शाह दौला की म जार में बच्चे की कामना लेकर आती है उसको पहली संतान शाह दौला को देनी होती है। ऐसा नहीं करने पर बाकी की सभी संतानें छोटे सिर वाली होती हैं। इन्हीं पहली संतानों को शाह दौला का चूहा कहा जाता है। इन बच्चों को अपने परिजनों से मिलने नहीं दिया जाता है।

(अब कहानी का वह घिनौना किस्सा आता है)
कहा जाता था कि इन बच्चों को माइक्रोसिफैली जन्म से नहीं होता था, बल्कि कृत्रिम रूप से उन्हें इस तरह की बीमारी दी जाती थी। पाकिस्तान में ही कई लोगों का यह मानना है कि इन बच्चों के सिर पर लोहे के टोप रख दिए जाते थें ताकि उनका सिर न बढ़ सके। सिर और दिमाग न बढ़ने की वजह से बच्चे मानसिक विक्षिप्त हो जाते हैं, फिर इनसे भीख मंगवाई जाती थी। चूंकि यहां आने वाले जायरीनों को पता होता है कि शाह दौला के चूहे हैं और इनको अनदेखा करना कयामत को न्योता देना है, इस वजह से इनके कटोरे जल्द ही रुपयोंं से भर जाते हैं। ये बच्चे दया की जिंदगी जीने पर मजबूर हो जाते हैं। पाकिस्तान में कई माफिया गिरोह भी इसी तरह छोटे बच्चों को किडनैप करके उन्हें माइक्रोसिफैली का मरीज बना देते हैं। बाद में उनके गली-गली जाकर भीख मंगवाई जाती है। कई ऐसेे बच्चे जिनके सिर पर लोहे का टोप रखकर माइक्रोसिफैली का मरीज बनाया जा रहा था, उन्हें छुड़वाया भी गया।

(थोड़ा इतिहास में झांकते हैं)
पाकिस्तान के लाहौर में एक लेखक हैं गफ्फार सहजाद, उनके मुताबिक शाह दौला राजमिस्त्री थे। मिस्ति्रयों के साथ में काम करने वाले कई लेबर भी होते हैं। शाह दौला के पास भी एक ऐसा ही लेबर था, जिसका सिर छोटा था। शाह दौला कहीं भी जाते थे तो वह उनके साथ ही रहता था। शाह दौला के मरने के बाद उनके चूहों वाली कहानियों को बनाया गया और बच्चों पर अत्याचार किया गया।
कहीं- कहीं पर यह भी बताया गया है कि शाह दौला खुद को जानवरों का प्रेमी बताते थे। उनके मुताबिक वह जानवरों और बच्चों की कहानियां पढ़ सकते थे। वे बच्चों के ऊपर ऐसे ही हेलमेट रख दिया करते थे इसके पीछे की वजह उन्हें सजावटी दिखाने की बताते थे। मानसिक विक्षिप्त इन बच्चों को शाह दौला दूसरी ताकतों वाला इंसान बताते थे। शाह दौला की मौत के बाद इस कृत्य को सही ठहराने के लिए अनेक तरह के किस्से गढ़ दिए गए।

खून के रिश्तों में शादी करने पर होती हैं ऐसी संतानें
जन्मजात माइक्रोसिफैली के भी अधिकतर केस पाकिस्तान में ही मिलते हैं। इसकी एक बड़ी वजह से खून के रिश्तों में शादी होना है। खून के रिश्तों में शादी होने से जो संतान पैदा होती है, उसमें बहुत सी जेनेटिक बीमारियां पहले से ही होती हैं। ईरान में हुए एक अध्ययन में भी सामने आया था कि माइक्रोसिफैली वाले बच्चों के ज्यादातर माता-पिता चचेरे भाई-बहन होते हैं। ट्रिब्यून की एक खबर के मुताबिक पाकिस्तान में केवल 4.4% कपल ही ऐसे हैं, जिनकी शादी आपसी रिश्ते में नहीं होती है।

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